मुख्य पृष्ठ - विभाग - मानक और विनिमयन (S&R)
भारतीय पवन ऊर्जा क्षेत्र का विकास निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के साथ औद्योगिक गतिविधियों की मुख्य धारा में प्रगति कर रहा है। भारत में पवन ऊर्जा टरबाइन की संस्थापना हेतु लगभग सत्रह पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माताओं के द्वारा चालीस पवन ऊर्जा टरबाइन मॉडल प्रस्तुत किए गए हैं। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के द्वारा, RISO राष्ट्रीय प्रयोगशाला, डेनमार्क (वर्तमान में DTU, डेनमार्क के रूप में जाना जाती है) की तकनीकी सहायता से, भारतीय पवन ऊर्जा टरबाइन प्रमाणन योजना अर्थात पवन ऊर्जा टरबाइन - प्रकार अनुमोदन - अनंतिम योजना विकसित की गई थी। पवन ऊर्जा टरबाइनों के लिए अपनी तरह की प्रथम प्रमाणन योजना TAPS 2000 को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के द्वारा अनुमोदित और ज़ारी किया गया था और इसे राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। उपर्युक्त के अतिरिक्त, राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के द्वारा पवन ऊर्जा टरबाइनों पर भारतीय मानकों को तैयार करने और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) को तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा देश में पवन ऊर्जा विद्युत क्षेत्र के विकास को सरलतम और सुव्यवस्थित करने के लिए पवन ऊर्जा विद्युत परियोजनाओं के लिए दिशानिर्देश ज़ारी किए जाते हैं। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर, राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के द्वारा वर्ष 2001 - 2016 की अवधि में समय - समय पर पवन ऊर्जा टरबाइनों के मॉडल और निर्माताओं की संशोधित सूची (आरएलएमएम) ज़ारी की जाती रही है। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के दिशानिर्देशों को लागू करते हुए प्रोटोटाइप पवन ऊर्जा टरबाइन मॉडल की स्थापना की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
भारत में भारतीय मानक ज़ारी करने वाला संस्थान भारतीय मानक ब्यूरो है। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान का ‘मानक और विनियमन प्रभाग’ ‘पवन ऊर्जा टरबाइन’ पर भारतीय मानक तैयार करने में भारतीय मानक ब्यूरो को तकनीकी सहायता प्रदान करने की सक्रिय भूमिका निभाता है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के द्वारा भारतीय मानक तैयार करने के लिए पवन ऊर्जा टरबाइन अनुभागीय समिति ( ईटीडी – 42 ) का गठन किया गया है। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के महानिदेशक, इस समिति के अध्यक्ष हैं; और ‘मानक और विनियमन प्रभाग’ के प्रमुख जो कि इस ईटीडी – 42 समिति के भी अंग हैं, के द्वारा भारतीय मानकों के अनुरूप मतदान सिफारिशें आईईसी एवं आईईसीआरई मानकों सहित सभी मानकों से संबंधित कार्यों में भारतीय मानक ब्यूरो को पूर्ण तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा भारत में प्रोटोटाइप पवन ऊर्जा टरबाइन मॉडल की स्थापना हेतु दिशा-निर्देश ज़ारी किए गए हैं जिससे कि भारत में प्रोटोटाइप पवन ऊर्जा टरबाइन मॉडल की स्थापना को सुविधाजनक बनाया जा सके और पवन ऊर्जा टरबाइन - प्रकार प्रमाणन प्राप्त करते हुए विकासात्मक कार्य किए जाएं। विभिन्न पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माताओं द्वारा प्रदान किए गए प्रोटोटाइप पवन ऊर्जा टरबाइन मॉडल पर प्रलेखन के सत्यापन और प्रोटोटाइप पवन ऊर्जा टरबाइन मॉडल के ग्रिड तुल्यकालन के संबंध में सिफारिश पत्र ज़ारी करके दिशानिर्देशों को, मानक और विनियमन प्रभाग , राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, पवन ऊर्जा टरबाइनों के मॉडल और निर्माताओं की संशोधित सूचियाँ नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा समय-समय पर ज़ारी की जाती हैं, जो विभिन्न पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माताओं के द्वारा प्रदान किए गए प्रलेखन एवं सूचना के आधार पर होती हैं। मानक और विनियमन प्रभाग के द्वारा पवन ऊर्जा टरबाइनों के मॉडल और निर्माताओं की संशोधित सूचियां ज़ारी करने में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के द्वारा, इंडियन विंड ऊर्जा टरबाइन सर्टिफिकेशन स्कीम (IWTCS), एक व्यापक प्रमाणन योजना तैयार की गई है जो कि पवन ऊर्जा टरबाइन के आरम्भ से निपटान तक प्रमाणन के विभिन्न पक्षों पर विचार करने वाली अपनी तरह की प्रथम योजना है। उपर्युक्त योजना में प्रोटोटाइप प्रमाणन, पवन ऊर्जा टरबाइन - प्रकार के लिए प्रमाणन, परियोजना प्रमाणन, संस्थापित पवन ऊर्जा टरबाइन की विफलता रिपोर्ट एवं सूचना, सुरक्षा एवं कार्यनिष्पादन मूल्यांकन और पवन ऊर्जा टरबाइन के डी-कमीशनिंग एवं सुरक्षित निपटान संबंधित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों (आईएस , आईईसी , आईईसीआरई ) के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य किया किया जाता है।
मैसर्स IWTCS के द्वारा, पवन ऊर्जा टरबाइन प्रमाणन के संदर्भ में, प्रदान किया गया प्रारुप नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को प्रस्तुत किया गया है; तथा उपर्युक्त प्रलेख को हितधारकों एवं सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा वेबसाइट में अपलोड किया गया है। उपर्युक्त विषय पर हितधारकों के द्वारा प्रस्तुत की गई टिप्पणियों की समीक्षा संबंधी कार्य प्रगति पर है।