सामान्य +
पर्यावरणीय क्षयन की बढ़तीहुई समस्या ने अक्षय ऊर्जा संसाधनों में दुनिया की बदलती हुई रुचि देखा जा सकता है। पवन वाणिज्यिक और परिचालन रूप से सबसे व्यवहार्य नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन है तथा इस कारणवश, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सबसे बड़े स्रोत के रूप में उभर रहा है।
पवन ऊर्जा – क्या है ?+
भूमि या समुद्र पर हवा के प्राकृतिक गति को पवन कहते हैं। पृथ्वी की सतह के असमान तापन एवं शीतन तथा पृथ्वी के घूर्णन से पवन पैदा होता है। भूमि और जल क्षेत्र, सूर्य से प्राप्त होनेवाले ताप की भिन्न भिन्न मात्राओं को अवशोषित एवं उत्सर्जित करते हैं। जैसे जैसे गरम हवा बढ़ती है, ठंड़ी हवा एकदम से वहां पहुंचकर उसकी जगह लेने का प्रयास करती है और ये स्थानीय पवन कहलाते हैं। पृथ्वी का घूर्णन, हवा के प्रवाह की दिशा को बदलता है।
मूलभूत पौद्योगिकी +
पवन इलेक्ट्रिक जनरेटर, रोटर, गियर बॉक्स एवं जनरेटर इस्तेमाल करते हुए पवन में होनेवाली गतिक ऊर्जा को इलेक्ट्रिकल ऊर्जा में बदल देता है।
मूलभूत प्रक्रिया +
पवन, पवन चक्की जैसी मशीलन के ब्लेडों को घुमाता है। ये घूमनेवाले ब्लेड, उससे जुड़े हुए शेफ्ट को घुमाते हैं। घूमनेवाली शेफ्ट, विशिष्ट रूप से या पंप को पवर प्रदान कर सकता है या जनरेटर घुमा सकता है, जो इलेक्ट्रिसिटी पैदा कर सकता है। कई पवन मशीनों में ब्लेड, क्षैतिज शेफ्ट से लगे होते हैं। यह शेफ्ट, क्रमिक गियरों के माध्यम से पवर ट्रांसमिट करता है जो वॉटर पंप या इलेक्ट्रिक जनरेटर को पवर प्रदान करता है। इन्हें क्षैतिज अक्षीय पवन टरबाइन कहे जाते हैं।
डैर्रियस पवन मशीन जैसे लम्बवत् अक्ष मशीन भी हैं जिसके शेफ्ट पर दो, तीन या चार वक्राकार ब्लेड हैं और यह एक बृहत् अंड़े फेंटनेवाला मशीन जैसा लगता है।
पवन मशीन द्वारा पैदा की जानेवाली ऊर्जा, पवन की गति एवं मशीन में ब्लेडों की साइज़ पर निर्भर है। आमतौर पर जब पवन की गति दुगुनी हो जाती है, पैदा होनेवाला पवर आठ गुना हो जाता है। बडे़ ब्लेड अत्यधिक पवन प्राप्त करते हैं। चूंकि, ब्लेडों द्वारा पैदा होनेवाले गोलाकार का व्यास दुगुना होता है, पवर चार गुना बढ़ता है।
पवन ऊर्जा क्यों +
- यह परियोजना पर्यावरणानुकूल है।
- पवन ऊर्जा प्राप्त करने के लिए अच्छी पवन संभाव्यता।
- सतत रूप से बढ़नेवाले पवर दरों के विरुद्ध एक स्थायी शस्त्र है। समय के साथ परंपरागत पवर परियोजनाओं की तुलना में प्रति kwh की लागत में कमी होती है।
- इलेक्ट्रिकल ऊर्जा का अत्यंत सस्ता स्रोत (लगभग 20 वर्षों से स्तरित लागत)
- ईक्विटी की कम से कम प्रतिभागिता के साथ पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए निम्न लागत तपद उपलब्ध है।
- अत्यंत त्वरित धन-वापसी की परियोजना
- अति निम्न समापन अवधि के साथ वास्तविक रूप में अत्यंत त्वरित पवर परियोजना : एक मॉड्युलार संकल्पना
- प्रचालन एवं रखरखाव (O&M) की लागतें कम हैं।
- चूंकि उत्पाद इलेक्ट्रिकल ऊर्जा है, कोई मार्केटिंग खतरा नहीं है।
- कार्मिकशक्ति में शून्य निवेश परियोजना।
पवन इलेक्ट्रिक जनरेटर के घटक +
पवन इलेक्ट्रिक जनरेटर के मुख्य घटक :
- टावर
- नैसल
- रोटर
- गियरबॉक्स
- जनरेटर
- ब्रेकिंग व्यवस्था
- यॉ व्यवस्था
- कंट्रोलर
- संवेदी
पवन खेत के लिए अनिवार्य आवश्यकताएं +
वह क्षेत्र जहां पवन इलेक्ट्रिक जनरेटरों की कोई संख्या संस्थापित हैं, उसे पवन खेत कहते हैं। पवन से वांछित दोहन के लिए पवन खेत के संस्थापन हेतु अनिवार्य आवश्यकताएं
- विशिष्ट स्थल में उच्च पवन स्रोत
- पर्याप्त भूमि की उपलब्धता
- उचित समतल भूमि एवं मृदा की अच्छी स्थिति
- स्थल तक आसानी से पहुंच पाना
- आसपास कोई उचित पवर ग्रिड
- WEGs का तकनीकी-आर्थिकी चयन
- वैज्ञानिक तौर पर तैयार किया गया लेआऊट
पवन ऊर्जा से पवर उत्पादन के मुख्य लाभ +
- पूंजी लागत, परंपरागत पवर संयंत्रों के तुलनीय है। टरबाइन के प्रकार, प्रौद्योगिकी, साइज़ एवं स्थान के आधार पर पवन खेत की पूंजीगत लागत प्रति MW के लिए 4.5 करोड़ से 6.85 करोड़ के बीच है।
- निर्माण समय कम है।
- इंधन की लागत शून्य है।
- O & M की लागत अत्यंत कम है।
- क्षमता जोड़, मॉड्युलार रूप में भी हो सकता है।
- वैश्विक पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। पूर्ण व्यवस्था प्रदूषण मुक्त है तथा पर्यावरणानुकूल है।
4,00,0.00 kWh प्रतिवर्ष की औसत आऊटपुट वाले WEG से प्रदूषण से सुरक्षा का आकलन :+
- सल्फर डयॉक्साइड (SO2): 2 से 3.2 टन
- नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO) ; 1.2 से 2.4 टन
- उचित समतल भूमि एवं मृदा की अच्छी स्थिति
- कार्बन डयॉक्साइड (CO2) : 300 से 500 टन
- कण : 150 से 280 kg
- कण : 150 से 280 kg.
- वैज्ञानिक तौर से तैयार किया गया
जीवाष्म ईंधन एवं पवन के बीच तुलना +
उपलब्धता |
उपयोग वैसा ही जैसा पाया जाता है |
उसका क्रय किया जाना है तथा उसका उपयोग अत्यंत कठिन एवं पर्यावरण पर असर करनेवाली प्रक्रियाओं द्वारा किया जाता है। |
उपलब्धता की सीमाएं |
एक अक्षय स्रोत है |
संसाधन सीमित हैं, आगामी 60 वर्षों में पूर्ण रूप से खतम हो जाएगा। |
परिवहन |
उपयोग वहीं जहां पाया जाता है |
पर्यावरण को खतरे में डालते हुए आगे के प्रक्रण के लिए स्थल से परिवहन किया जाना है |
उत्पादन में उपयोग |
शून्य उत्सर्जन |
इलेक्ट्रिसिटी का उत्पादन करने में उपयोग किया जाता है जिससे कि ग्रीहाऊस गैस पैदा होते हैं। |
भू-राजनीति प्रभाव |
ऑयल पर हमारी निर्भरता कम करता है, राष्टीय सुरक्षा बनाए रखता है |
स्रोत के रूप में ऑयल पर अत्यधिक निर्भरता से हमारी ऊर्जा सुरक्षा कमज़ोर बना दिया है। उदाहरण के लिए 1973 में OPEC संकट, वर्ष 1991 में गल्फ युद्ध तथा 2003 का इराख़ युद्ध |
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वैश्विक पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। संपूर्ण व्यवस्था प्रदूषण मुक्त है तथा पर्यावरणानुकूल है। |
सीमाएं +
- पवन मशीनों को वहां संस्थापित किया जाना चाहिए जहां अधिक से अधिक समय तक के लिए अत्यंत तेज़ एवं निभर करने योग्य पवन उपलब्ध है।
- चूंकि पवन, पवर पैदा करने के लिए सभी समय तेज नहीं होते, पवन मशीनों से ऊर्जा "अंतरालों" में होता है यानी कि आता है और जाता है। अत: पवन मशीनों से इलेक्ट्रिसिटी के पास अन्य स्रोत से आपूर्ति होना चाहिए।
- चूंकि पवन मशीनों से ऊर्जा ‘’अंतरालों’’ होता है, उपयोग करनेवाली कंपनियां केवल ऊर्जा के एक भाग का उपयोग कर सकती हैं।
- पवन टावर एवं टरबाइन ब्लेडों के तेज़ गति के पवन एवं बिजली से नष्ट होने की संभावना है, भूमि से काफी ऊंचाई पर स्थित घूमनेवाले भागों का रखरखाव कठिन हो सकता है और उनकी मरम्मत की प्रक्रिया भी काफी महंगी है।
- पवन पवर से पैदा की जानेवाली इलेक्ट्रिसिटी पवर तत्व एवं वोल्टेज तत्व की नज़र से कभी कभी फ्लक्चुयेट होती है, जिससे कि उसके पवर को किसी उपयोग व्यवस्था से लिंक करने से कई कठिनाइयां हो सकती हैं।
- आसपास के पड़ोसियों को घूमनेवाले पवन मशीन के ब्लेडों द्वारा पैदा होनेवाली आवाज़ से कठिनाइयां हो सकती हैं।
- लोगों ने पवन मशीनों के सौन्दर्य पहलू एवं उसके पक्षियों को होनेवाले खतरे के बारे में शिकायत की है।