पूर्ण भारत अनुसंधान नेटवर्क - "उद्योग और अकादमिक समामेलन

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पूर्ण भारत अनुसंधान नेटवर्क - "उद्योग और अकादमिक समामेलन

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान, चेन्नई के द्वारा “ पूर्ण भारत अनुसंधान नेटवर्क - "उद्योग और अकादमिक समामेलन" ( "पैन इंडिया रिसर्च नेटवर्क मीटिंग- इंडस्ट्री एंड एकेडेमिया अमलगमेशन" ) एक दिवसीय कार्यशाला के रूप में आयोजन करते हुए शुभारम्भ किया गया।

उपर्युक्त कार्यशाला भारतीय शिक्षा और पवन ऊर्जा उद्योग के मध्य वार्तालाप की एक सुनियोजित श्रृंखला का शुभारम्भ है जिससे कि उनके समामेलन को सुविधाजनक बनाने के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके। भारतीय पवन ऊर्जा क्षेत्र के अनुसंधान और विकास की आवश्यकताओं पर मनन और मंथन स्वदेशी अनुसंधान गतिविधियों को संवृद्धि प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है, जो पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने के लिए भारतीय पवन उद्योग को सुविधा प्रदान करेगा। उपर्युक्त कार्यशाला का उद्देश्य राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के माध्यम से नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के समर्थन के साथ, अकादमिक और उद्योग के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व के अनुसंधान के लिए उठाए जा रहे उद्योग की पहचान की आवश्यकताओं को पूरा करना भी है। उपर्युक्त कार्यशाला के माध्यम से शिक्षाविदों को अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी क्षमता दिखाने का भी एक अवसर प्राप्त होता है।


राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान की अनुसंधान एवं विकास परिषद के अध्यक्ष और सलाहकार, मैसर्स पोसको के पूर्व सीईओ श्री एस.के सूनी; विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सलाहकार डॉ. संजय बाजपेयी; राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के महानिदेशक डॉ. के. बलरामन; उद्योग विशेषज्ञ और राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के पूर्व महानिदेशक, डॉ. एस. गोमतिनायगम के द्वारा उद्योग जगत, आईडब्ल्यूटीएमए, आईडब्ल्यूपीए, डब्ल्यूआईपीपीए और आईआईटी, एनआईटी एवं भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षाविदों की सम्मेलन कक्ष में उपस्थित के समक्ष पारंपरिक दीपक प्रज्जवलित करते हुए उपर्युक्त कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। उपर्युक्त प्रथम कार्यशाला में उपस्थित उद्योग जगत से उपस्थित और शिक्षाविदों के द्वारा प्रस्तुत विचारों के परिणामस्वरूप यह सफल कार्यशाला रही क्योंकि इसमें संवाद समूहों और लक्ष्य समूहों के मध्य विचारों और अनुभवों के खुले आदान-प्रदान को अमूल्य मंच प्रदान किया गया। कार्यशाला के अंतर्गत भारत में वर्तमान में उपलब्ध तकनीकी, वित्तीय और नीतिगत समाधानों का व्यापक अवलोकन किया गया और उद्योग की अनुसंधान एवं विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समाधान खोजने के लिए विचार-विमर्श किया गया।

कार्यशाला में कुछ प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो भारतीय पवन ऊर्जा उद्योग और शिक्षा से प्रौद्योगिकी परिपक्वता स्तर (टीआरएल) विचार विमर्श के लिए उन्मुख अनुसंधान और विकास के लिए तत्काल आवश्यकताओं के संदर्भ में विचार, मनन – मंथन भी करता है। उपर्युक्त एक दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य सभी भारतीय हितधारकों को एक साथ एक मंच पर एकत्रित करना भी था जिससे कि एक सफल चर्चा हो सके और कार्यशाला के विचार-विमर्श उसे प्रमाणित करते हैं।


कार्यशाला में भारतीय पवन ऊर्जा क्षेत्र, शिक्षाविदों, अनुसंधान संस्थानों और भारतीय पवन ऊर्जा संगठनों की 100 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति थी। जिसमें उद्योग जगत के मैसर्स वेस्टस, मैसर्स सुजलॉन, मैसर्स सीमेंस- गमेशा, मैसर्स आरआरबी एनर्जी, मैसर्स री जेन पॉवरटेक, मैसर्स लेट्विंड श्रीराम, मैसर्स शिवा विंड टरबाइन, मैसर्स रिन्यू विद्युत, मैसर्स माइट्रह एनर्जी, मैसर्स एनरफ़्रा प्रोजेक्ट्स (भारत), मैसर्स सीमेंस (विनर्जी) आदि उद्योग जगत के पेशेवरों के द्वारा कार्यशाला में भाग लिया और अपनी अनुसंधान एवं विकास संबंधी आवश्यकताओं पर भी प्रकाश डाला गया। उपर्युक्त लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए और उद्योग जगत को आगे बढ़ने में राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान और शिक्षाविदों की सहायता से विभिन्न शोध कार्य करने के लिए समझौता ज्ञापन के रूप में राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के साथ वार्तालाप किया गया। उपर्युक्त के अतिरिक्त, भारत पवन ऊर्जा क्षेत्र संगठनों के प्रमुख अर्थात् IWTMA, IWPA और WIPPA के प्रतिनिधियों ने भी कार्यशाला में भाग लिया और अपने बहुमूल्य विचारों से मंच साझा किया। अकादमी से, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), आईआईटी, एनआईटी, एनएएल (नेशनल एरोनॉटिकल लेबोरेटरी, बैंगलोर) और देश भर में फैले अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों जैसे प्रीमियम संस्थानों के प्रोफेसरों / शोधकर्ताओं के द्वारा कार्यशाला में भाग लिया और विविध विधाओं पर विचार-विमर्श किया गया। कार्यशाला में उद्योग के पेशेवरों और अकादमिक / अनुसंधान संस्थानों के मध्य काफी जीवंत चर्चा हुई।

उद्योग प्रतिनिधियों और अकादमिक शोधकर्ता और प्रोफेसरों के द्वारा दी गई संक्षिप्त प्रस्तुतियों ने चर्चा के लिए विस्तृत मंच प्रदान किया। अधिकांश उद्योग प्रतिनिधि विभिन्न संस्थानों द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों से प्रसन्न और प्रोत्साहित भी हुए। भारतीय पवन ऊर्जा उद्योग के प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान , चेन्नई द्वारा की गई इस नई पहल का हिस्सा बनने के लिए काफी उत्साह और प्रसन्नता व्यक्त की और राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के इस प्रयास को देश और उसके मेक इन इंडिया गतिविधियों को सफल बनाने के लिए अपनी निरंतर भागीदारी का आश्वासन दिया।

उपर्युक्त कार्यशाला का विवरण,विस्तृत विचार-विमर्श, प्रस्तुतिकरण और केंद्रित किए गए अनुसंधान क्षेत्र को राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान की वेबसाइट niwe.res.in में अपडेट किए गया है।

चित्र गैलरी / प्रदर्शनी