मुख्य पृष्ठ - विभाग - मापन एवं परीक्षण (M&T)
मापन एवं परीक्षण स्टेशन को भारत सरकार के एमएनआरई के राष्ट्रीय प्रयोगशाला नीति के अनुसरण में पवन टरबाइन परीक्षण के लिए भारत की स्वीकृत मूल प्रयोगशाला मान्यता प्रदान की गई है तथा पवन टरबाइन परीक्षण के क्षेत्र में प्रचालित अन्य सभी प्रयोगशालाएं गौण हैं। वे सभी पणधारियों के लिए भारत में पवन टरबाइन परीक्षण के लिए साथ साथ कार्य करते हुए विश्वस्तरीय परीक्षण पद्धति का निर्माण करने तथा उसे प्रदान करने की प्रक्रिया की दिशा में साथ-साथ कार्य करेंगे।
यह, पवन टरबाइनों के संदर्भ में संबंधित मानकों एवं नियमों के अनुपालन करते हुए पवन टरबाइनों के प्रकार परीक्षण से भारत का सर्वप्रथम NABL प्रत्यायित परीक्षण प्रयोगशाला है। वर्ष 2006 में प्रत्यायन प्राप्त किया गया तथा पिछले 13 वर्षों से भारत में NABL प्रत्यायित प्रयोगशाला का स्थान प्राप्त कर चुका है।
भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की वित्तीय सहायता एवं मार्गदर्शन में वर्ष 1999 में तमिलनाडु के कायथर जिले में डैनिश अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेन्सी (डैनिडा) के अंतर्गत राइसो राष्ट्रीय प्रयोगशाला, डेनमार्क के तकनीकी समर्थन से नीवे के पवन टरबाइन परीक्षण स्टेशन (WTTS) की स्थापना की गई। वर्तमान में अपतट पवन टरबाइनों के प्रयोजन के लिए विशेष रूप से द्वितीय पवन टरबाइन स्टेशन का विकास करने की दिशा में योजना बनाई जा रही है तथा संस्थापित किया जानेवाला उक्त स्टेशन भारत का सर्वप्रथम माना जाएगा।
वर्तमान में WTTS परीक्षण स्टेशन में 1250kW एवं 400kW क्षमताओं तक के पवन टरबाइनों का परीक्षण करने के लिए ग्रिड कनेक्शन युक्त दो परीक्षण बेड उपलब्ध हैं। परीक्षण बेडों की संख्या बढ़ाई जा सकती है तथा उच्च क्षमता युक्त पवन टरबाइनों का परीक्षण किया जा सकता है।
हर बेड में उसका अपना कंट्रोल रूम है जिसमें वैधीकृत सॉफ्टवेयर एवं अद्यतन आर्ट आर्किटेक्चर युक्त अत्याधुनिक डेटा ऐक्विजिशन सिस्टम्स हैं।
पवन टरबाइनों के लिए परीक्षण
प्रभाग, ग्राहकों के अनुरोध पर क्षेत्र मापन कार्य भी करता है।
पवन टरबाइनों के परीक्षण के लाभ
पवन टरबाइनों के मापन के लाभ
हम नीवे के एक भाग, पवन ऊर्जा क्षेत्र में अपने अमूल्य ग्राहकों को पवन टरबाइन के परीक्षण में प्रामाणिक, त्वरित एवं विश्वसनीय सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हम अपने प्रचालनों में व्यावसायिक नैतिकता, गोपनीयता एवं निष्पक्षता के उच्च स्तर बनाए रखते हैं। हमारी पद्धतियां एवं कार्यप्रणालियां अत्यंत पारदर्शी हैं तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं।
हम, संस्थान में अपने प्रचालनों की अनुरूपता बनाए रखने के लिए परीक्षण प्रचालन में कार्यरत सभी कार्मिकों की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हम IS/ISO/IEC 17025 के कार्यान्वयन के माध्यम से ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में प्रयास करेंगे तथा उसमें सतत सुधार करेंगे।
निम्नलिखित नए राष्ट्रीय परीक्षण सुविधाओं का सृजन तथा आगामी सुविधाएं जिन्हें जल्द ही राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया जाएगा।
सौर ऊर्जा की अत्यधिक क्षमता एवं महत्व को जानते हुए भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने वर्ष 2010 में राष्ट्रीय सौर मिशन (NSM) का लोकार्पण किया ताकि देश में सौर उद्योग को प्रोत्साहन दिया जा सके। यह प्रयास, मौसमी परिवर्तनों को रोकने के लिए वैश्विक प्रयासों को पूरा करने के लिए पारिस्थितिकी-अनुकूल दीर्घकालिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने की ओर लक्षित है। वर्ष 2011 तक देश में उपलब्ध उच्च गुणवत्ता ग्राऊण्ड मापित सौर विकिरण डेटा अवश्विसनीय एवं अपर्याप्त था। देश के भारतीय मौसम विज्ञान केन्द्र स्टेशन (IMD) एवं उपग्रह डेटा द्वारा सीमित डेटा एवं स्रोत को संकलित एवं प्रकाशित किया जाता है। अविश्वसनीय एवं इन्वेस्टर ग्रेड ग्राऊण्ड सौर डेटा की अनुपलब्धता ही देश में सौर पवर परियोजनाओं के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण बाधा इन गई थीं। इन अभावों को दूर करने के लिए वर्ष 2010 में नीवे द्वारा एक विशिष्ट SRRA प्रकोष्ठ को संस्थापित करते हुए GHI, DNI, DHI कवर करनेवाले सौर विकिरण संसाधन डेटा को इकत्रित करने के लिए सौर विकिरण संसाधन मूल्यांकन (SRRA) स्टेशन का नेटवर्क संस्थापित किया गया। SRRA कार्यक्रम के फेज़-I के अंतर्गत 10 राज्यों एवं 1 संघ राज्य क्षेत्र में 51 SRRA स्टेशन संस्थापित किए गए हैं तथा 2013 में संस्वीकृत फेज़-II में संपूर्ण देश में 17 राज्यों एवं 3 संघ राज्य क्षेत्रों में अन्य 60 SRRA स्टेशनों को संस्थापित किया गया है। SRRA स्टेशनों के अतिरिक्त विभिन्न वातावरणिक घटकों के कारण सौर विकिरण के स्थल विशिष्ट क्षीणन डेटा इकत्रित करने के लिए देश में 4 अत्याधुनिक मापन स्टेशनों को भी संस्थापित किया गया है। नीवे ने संपूर्ण भारत में 115 स्थलों में फैले विश्व का सबसे बड़ा सौर विकिरण अनुवीक्षण नेटवर्क संस्थापित किया है। उक्त 115 स्टेशनों से नीवे में संस्थापित सर्वर में GPRS प्रौद्योगिकी द्वारा उच्च रेज़ोल्यूशन 1 मिनट डेटा प्राप्त किया जाता है तथा डेटा साफ करने एवं उसे विश्वसनीय बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसरण में पूर्ण स्वचालित गुणवत्ता नियंत्रण पद्धति लागू की गई है।
सौर पवर संयंत्रों का विकास करने के लिए उच्च गुणवत्ता ग्राऊण्ड मापित सौर विकिरण डेटा अनिवार्य है।
एक विशिष्ट SRRA स्टेशन में 1.5 m एवं 6 m ऊंचे दो टावर होते हैं। सीधे, वैश्विक एवं विकीर्णित विकीर्णन मापने के लिए 1.5 m ऊंचे टावर में सौर ट्रैकर, एक पाइर्हिलीयोमीटर एवं दो पाइरैनोमीटर (एक शेडिंग डिस्क के साथ) संस्थापित हैं। 6 m ऊंचे टावर में वातावरणिक तापमान, सापेक्षिक आर्द्रता, वातावरिणक दाब, पवन गति एवं दिशा, वर्षा मापने के लिए मौसम वैज्ञानिक संवेदी तथा अत्याधुनिक डेटा ऐक्विजि़यान व्यवस्था संस्थापित हैं। सौर संवेदियां विश्व विकिरण केन्द्र/ विश्व रेडियोमेट्रिक संदर्भ (WRC/WRR) द्वारा पता लगाए जा सकते हैं तथा मौसम वैज्ञानिक संवेदी, विश्व मौसम वैज्ञानिक संगठन (WMO) द्वारा पता लगाए जा सकते हैं। SRRA स्टेशन, स्वतंत्र प्रचालन के लिए सौर ऊर्जा द्वारा पवर्ड हैं तथा उनके पास एक हफ्ते की पवर अटॉनोमी होती है।
मई 2011 एवं जून 2014 की अवधि में देश के 29 राज्यों एवं 3 संघ राज्य (UT) क्षेत्रों में एक सौ ग्यारह (111) SRRA स्टेशन संस्थापित किए गए हैं। SRRA स्टेशनों के द्वितीय फेज़ में संस्थापनों के आकाश-विद्युत प्रतिरोधी एवं ऊर्जा मीटर के उपकरणों को छोड़कर दोनों फेज़ों में प्रयुक्त संवेदी/ उपकरणों की विशिष्टताएं एक समान हैं। डेटा इकत्रीकरण सैम्पलिंग 1 सेकेण्ड है तथा मूल डेटा औसत 1 मिनट है।
भारतीय सौर विकिरण प्रति-मानचित्रावलीविभिन्न वातावरणिक घटकों के कारण सौर विकिरण के स्थल विशिष्ट क्षीणन का प्रमात्रीकरण करने के लिए देश के उत्तर, पूर्व, दक्षिण एवं पश्चिम में चार AMS क्रमश: राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE) – गुरुग्राम, भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अभियांत्रिकी संस्थान (IIEST)- हावड़ा, प्रत्यूशा इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC)- तिरुवल्लूर एवं गुजरात ऊर्जा अनुसंधान एवं प्रबंधन संस्थान (GERMI)- गांधीनगर (गुजरात) में संस्थापित किया गया है। चूंकि, प्रकीर्णन एवं अवशोषण, तरंगदैर्घ्य विशिष्ट है, सौर स्पेक्ट्रम विश्लेषण के लिए दस स्वतंत्र संकीर्ण तरंगदैर्घ्य चैनलों का प्रयोग किया जा रहा है। सभी तरंगदैर्घ्यों के एक ही समय में मापन हेतु हर तरंगदैर्घ्य में स्वतंत्र कॉल्लिमेटर एवं डिटेक्टर हैं। साथ ही, AMS में वातावरण के ऐयरोसॉल ऑप्टिकल गहराई (AOD), पृथ्वी की सतह के परावर्तन (Albedo), आनेवाली लम्बे तरंग विकिरण (आकाश विकिरण) तथा अनुसंधान एवं विकासात्मक कार्यों के लिए वातावरणिक दृश्यात्मकता की जानकारी भी प्रदान कर सकता है।
विशिष्ट SRRA स्टेशन | अत्याधुनिक मापन स्टेशन |
कैलिब्रेशन प्रयोगशाला |
किए गए तथा चालू परीक्षण एवं मापन कार्यों की रूपरेखा के लिए यहां क्लिक करें