मुख्य पृष्ठ - मीडिया - कार्यक्रम - नीवे, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सौर ऊजा्र पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम - संक्षिप्त प्रतिवेदन
राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थानए चेन्नई के सम्मेलन कक्ष में दिनांक 13.12.2016 को ‘’ सौर फोटोवोल्टेयिक अभिकल्पना एवं संस्थापन पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा विशिष्ट संस्थानों के लिए सौर-पवन ऊर्जा के उपयोग पर कार्यशाला’’ कार्यक्रम का लोकार्पण किया गया। नीवे एवं आइआचार्या सिलिकॉन लिमिटेड (ISL), चेन्नई द्वारा उक्त कार्यक्रम का संयुक्त रूप से आयोजन किया गया। नीवे के अधिकारियों के अतिरिक्त चेन्नई एवं आसपास के क्षेत्रों में स्थित मुख्य रूप से व्यावसायिक कॉलेजों से ग्यारह प्रतिभागियों ने भाग लिया। नीवे के डॉ. जी गिरिधर, उपमहानिदेशक ने स्वागत भाषण दिया तथा नीवे के उपमहानिदेशक, श्री डी लक्ष्मणन ने विशिष्ट भाषण दिया। हरित रोजगार हेतु कौशल परिषद्, नई दिल्ली भारत सरकार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के डॉ. पी सक्सेना एवं तंजावूर स्थित पेरियार मणियम्मै विश्विद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर एन रामचन्द्रन ने स्काइप कॉल द्वारा अपन उत्ृष्ट भाषण से कार्यक्रम को आशीष प्रदान किया। संस्थान के महानिदेशक, डॉ. एस. गोमतीनायगम ने उद्घाटन भाषण प्रस्तुत किया तथा सौर फोटोवोल्टेयिक अभिकल्पना एवं संस्थापन पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का औपचारिक रूप से ऑनलाइप प्रशिक्षण का लोकार्पण किया। उक्त ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के लोकार्पण के पश्चात् संस्थान के महानिदेशक, डॉ. एस. गोमतीनायगम ने विशिष्ट संस्थानों के लिए पवन सौर हाइब्रिड व्यवस्थाओं के अनुप्रयोग पर प्रस्तुतीकरण प्रदान किया। आइआचार्या सिलिकॉन लिमिटेड, चेन्नई के सीईओ, श्री आर कार्तिक ने विशिष्ट संस्थानों के लिए सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोगों पर पस्तुतीकरण प्रस्तुत किया। उक्त भाषण एवं प्रस्तुतीकरण के पश्चात् प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से चर्चा की। प्रतिभागी संस्थानों ने विद्यार्थियों का डेटाबेस साझाा करने का अनुरोध किया ताकि कार्यक्रम कई लोगों तक पहुंचाया जा सके। यह भी अनुरोध किया गया कि उक्त लिंक को संस्थानों को प्रदान किया जा सके ताकि वे जानकारी कई लोगों तक पहुंच सके। कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेना चाहते हैं वे अधिक जानकरी के लिए में www.iacharya.inलॉगऑन कर सकते हैं। वर्तमान में उक्त पाठ्यक्रम हिंदी एवं अंग्रेजी में प्रदान किया जा रहा है तथा एमएनआरई एवं आइआचार्या से एक संयुक्त प्रमाण-पत्र प्राप्त करेंगे।