10वाँ अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम

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संक्षिप्त प्रतिवेदन
पवन ऊर्जा टरबाइन प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग
अफ़्रीकी देशों के लिए विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
कार्यक्रम आयोजन की अवधि : 20 मार्च से 12 अप्रैल 2013

पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी केंद्र के सूचना, प्रशिक्षण और अनुकूलित सेवाएं एकक के द्वारा "पवन ऊर्जा टरबाइन प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग" विषय पर, भारत सरकार, नई दिल्ली के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा समर्थित और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के द्वारा प्रायोजित 10वाँ अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया गया। इस विशेष अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन 20 मार्च से 12 अप्रैल 2013 की अवधि में अफ़्रीकी देशों के लिए किया गया। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पाठ्यक्रम में 7 देशों (बुरुंडी, केप वर्डे, इथियोपिया, लीबिया, नाइजीरिया, तंजानिया और युगांडा) के 21 उत्साही प्रतिभागियों ने भाग लिया।

पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी केंद्र के परिसर में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के प्रतिभागीगण

इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए पाठ्यक्रम सामग्री, व्याख्यान देने और विशिष्ट प्रकरण के अध्ययनों के विषय विशेषज्ञों के सहयोग से निर्मित किए गए। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में पवन ऊर्जा संसाधन निर्धारण, पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र ले-आउट, संस्थापना- संचालन और प्रचालन, प्रचालन और रखरखाव, और आर्थिक विश्लेषण के साथ बहुत व्यापक पाठ्यक्रम था।

प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्घाटन पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी केंद्र के पूर्व कार्यपालक निदेशक और मैसर्स विंड वर्ल्ड (भारत) लिमिटेड के अध्यक्ष श्री एम.पी. रमेश के द्वारा किया गया।

प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पुस्तिका का विमोचन करते हुए श्री एम.पी. रमेश

उपर्युक्त प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में वर्षों के अनुभवी एवं प्रबुद्ध वैज्ञानिक, अभियंताओं, पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माताओं, विकासकर्ताओं, उपयोगकर्ताओं, परामर्शदाताओं, शिक्षाविदों और अन्य पवन ऊर्जा से संबद्ध पेशेवरों द्वारा व्याख्यान दिए गए। 24 दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में 44 व्याख्यान दिए गए जिनमें से 26 व्याख्यान पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी केंद्र के 18 वैज्ञानिकों 5 पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माताओं, 4 विकासकार्ताओं, 2 परामर्शदाताओं और 4 प्रमुख शिक्षाविदों द्वारा दिए गए।

व्याख्यान सत्रों के अवसर पर व्याख्यान वार्तालाप को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षण प्रतिभागियों के अभ्यास और विषय संबंधित अध्ययन में सक्रिय भागीदारी प्रमुख है। प्रतिभागियों को पूर्ण ज्ञान हस्तांतरण प्रदान करने, व्यावहारिक अध्ययन भ्रमण प्रदान करने हेतु इन्हें पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्रों और विनिर्माण सुविधाओं और व्यावहारिक गतिविधियों के संचालन के लिए अध्ययन भ्रमण हेतु ले जाया गया। यह प्रशिक्षण अफ्रीका और भारत में विभिन्न मंत्रालयों, उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच एक संपर्क के रूप में कार्य करता है।

उपर्युक्त अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में पवन ऊर्जा संसाधन निर्धारण प्रयोगशाला, उपकरणीकरण परीक्षण और अनुसंशान एवं विकास सुविधाओं से अवगत करवाया गया। इसके पश्चात प्रतिभागियों को मैसर्स लेटनर श्रीराम मेनुफेक्चरिंग लिमिटेड और मैसर्स गमेशा विंड टरबाइन प्राइवेट लिमिटेड कारखानों में ले जाया गया जहां उन्हें उद्योग विशेषज्ञों से उनके अनुभव गंतव्य स्थल पर पवन ऊर्जा टरबाइन ब्लेड बनाने और विनिर्माण सुविधाओं सहित अन्य संबंधित विषयों को देखने और सुनने का अवसर मिला।

पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र में अध्ययन भ्रमण के अवसर पर प्रतिभागीगण

प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को अनुभव प्रदान करने के लिए, ऑरोविले स्थित मैसर्स मिनवायु कारखाने में ले जाया गया है, जहां सभी प्रतिभागियों को स्थानीय पवन ऊर्जा टरबाइन विनिर्माण के विषय में सैद्धांतिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, लघु पवन ऊर्जा टरबाइन का कम लागत पर स्वंय निर्माण किस प्रकार किया जाए यह अनुभव प्राप्त करने का सुअवसर मिला।

लघु पवन ऊर्जा टरबाइन का स्वंय निर्माण करते हुए प्रशिक्षण प्रतिभागीगण

उपर्युक्त प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के प्रतिभागीगणों को तमिलनाडु के दक्षिणी भाग में स्थित कायथर स्थित पवन ऊर्जा टरबाइन परीक्षण / अनुसंधान स्टेशन और कन्याकुमारी के आसपास पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्रों का अध्ययन भ्रमण हेतु ले जाया गया जहाँ पर नारीयल के वृक्षों की भांति पवन ऊर्जा टरबाइन संस्थापित हैं।

अध्ययन भ्रमण की इस अवधि में प्रतिभागियों को केप कोमेरिन (भारत के दक्षिणी भाग के छोर पर) कन्याकुमारी में आवास का अवसर मिला जहाँ उन्होंने सूर्योदय एवं सूर्यास्त और भारत की आध्यात्मिक विरासत को प्रदर्शित करने वाली सांस्कृति का अनुभव प्राप्त किया जो सभी के लिए रोमांचक क्षण थे।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के महासागर अभियांत्रिकी विभाग प्रमुख, प्रोफेसर जे. एस. मणि, इस समापन समारोह मुख्य अतिथि थे और उन्होंने प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम प्रमाण पत्र प्रदान किए।

पाठ्यक्रम प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए प्रोफेसर जे एस मणि

प्रतिभागियों के द्वारा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की संरचना और संगठन की अत्यधिक सराहना की गई। भारत के आतिथ्य और व्याख्यानों की गुणवत्ता से प्रतिभागी बहुत संतुष्ट हुए।

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