12वाँ अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम

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संक्षिप्त प्रतिवेदन
अफ्रीकी देशों के लिए विशेष
कार्यक्रम आयोजन की अवधि : 19 नवम्बर से 12 दिसम्बर 2014

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के सूचना, प्रशिक्षण और अनुकूलित सेवाएं एकक के द्वारा "पवन ऊर्जा टरबाइन प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग" विषय पर 12वाँ अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया गया। इस विशेष अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन दिनांक 19 नवम्बर से 12 दिसम्बर 2014 की अवधि में किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में पवन ऊर्जा विद्युत के सदुपयोग पर प्रमुख ध्यान केंद्रित किया गया। यह अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम अफ्रीका- भारत मंच शिखर-II कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा प्रायोजित तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, मंत्रालय द्वारा समर्थित है। संबंधित प्रतिभागियों के देशों में भारत के दूतावासों और उच्चायोगों ने आवेदन आमंत्रित किया और आवश्यक औपचारिकताओं के पश्चात, राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान द्वारा चयन के पश्चात, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय, दिल्ली के पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका प्रभाग द्वारा प्रदान की गई अनुमति के पश्चात, पाठ्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए आवश्यक स्वीकृति भी प्रदान की गई।

टीयूवी रेह्नलैंड-भारत के उपाध्यक्ष श्री बेनेडिक्ट अनसेलमन इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के "सम्मानित अतिथि" थे, उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन और अपने उद्घाटन भाषण के पश्चात प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के महानिदेशक डॉ. एस गोमतिनायगम, प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक, अवर निदेशक और सूचना, प्रशिक्षण एवं अनुकूलित सेवाएं एकक के प्रमुख श्री पी कनगवेल तथा सभी प्रतिभागीगण भी उपस्थित थे।

उद्घाटन भाषण देते हुए श्री बेनेडिक्ट अनसेलमन

प्रशिक्षण पाठ्यक्रम सामग्री को अधिक उपयोगी बनाने हेतु पाठ्यक्रम के सभी संकाय और व्याख्याताओं के द्वारा अपने व्याख्यान का सार पूर्व में प्रस्तुत किया गया था और एकत्रित सार लेखन और उसके संकलन से प्रशिक्षण पाठ्यक्रम सामग्री पुस्तिका तैयार की गई, इस अवसर पर मुख्य अतिथि के द्वारा इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पुस्तिका का विमोचन किया गया।

पाठ्यक्रम पुस्तिका का विमोचन करते हुए श्री बेनेडिक्ट अनसेलमन

इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कार्यक्रम का अभिकल्प, पवन ऊर्जा नीति निर्धारकों, परियोजना प्रबंधकों, वैज्ञानिकों, अभियंताओं, विनिर्माणकर्ताओं, परियोजना विकासकर्ताओं और परियोजना मूल्यांकनकर्ताओं, एनजीओ, पवन ऊर्जा सेवा कंपनियों, परामर्शदाताओं, उपकरण आपूर्तिकर्ताओं, वितरकों, छात्रों, संकाय, अनुसंधान-विदों, शिक्षाविदों, सरकार/ मंत्री आधिकारिक और मीडिया कर्मियों के लिए ज्ञान एवं संज्ञान प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। यह प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूर्व में ही पवन ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत तकनीशियनों और उद्योगपतियों के लिए भी उपयोगी है।

उपर्युक्त प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के व्याख्यान हेतु प्रसिद्ध वैज्ञानिक, अभियंता और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के वर्षों के अनुभवी संकाय, पवन ऊर्जा टरबाइन उद्योग के क्षेत्र में वर्षों के अनुभवी निर्माता, विकासकर्ता, परामर्शदाता और शिक्षाविद थे। 24 दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधि में, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रस्तुत किए गए 40 कक्षा व्याख्यानों के अतिरिक्त प्रतिभागियों को व्यापक ज्ञान हस्तांतरण की सुविधा के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण, क्षेत्र और कारखाने के अध्ययन-भ्रमण हेतु ले जाया गया।

व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र हेतु सभी प्रतिभागियों को राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान परिसर में पवन ऊर्जा संसाधन निर्धारण, उपकरणीकरण, परीक्षण, अनुसंधान एवं विकास और उपकरण के साथ-साथ पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र में प्रौद्योगिकी पर व्याख्यान पूरक हेतु अध्ययन-भ्रमण के लिए ले जाया गया।

इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 8 देशों (बुरुंडी, इथियोपिया, केन्या, मलावी, मॉरीशस, नाइजीरिया, सूडान और तंजानिया) से अभियांत्रिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यावरण विज्ञान, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, कृषि अभियांत्रिकी और वानिकी आदि विविध पृष्ठभूमि के 21 उत्साही प्रतिभागियों ने भाग लिया। ये प्रतिभागी व्यावसायिक कौशल विकास के शिक्षक, अभियांता और वैज्ञानिक तथा अधिकारियों के साथ-साथ ऊर्जा क्षेत्र में मंत्रालय सेवा के उच्च स्तर के अधिकारी थे।

अध्ययन भ्रमण के कार्यक्रम के रूप में, सभी प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के कायथर स्थित पवन ऊर्जा टरबाइन परीक्षण स्टेशन और पवन पवन ऊर्जा टरबाइन अनुसंधान स्टेशन में अध्ययन-भ्रमण किया और इसे बहुत उपयोगी पाया क्योंकि उन्हें पूर्व में ही लघु और वृहद पवन ऊर्जा टरबाइन परीक्षण प्रक्रिया का सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान किया गया था। कायथर और कन्याकुमारी के आसपास के पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्रों के अतिरिक्त, प्रतिभागियों ने तमिलनाडु विद्युत बोर्ड के सबस्टेशन का भी अध्ययन-भ्रमण किया और पवन ऊर्जा टरबाइन से ग्रिड तक विद्युत वितरण का अध्ययन किया।

तमिलनाडु विद्युत बोर्ड उपस्टेशन का अध्ययन-भ्रमण करते हुए प्रतिभागीगण
गियर बॉक्स की जानकारी प्राप्त करते हुए प्रतिभागीगण
कायथर स्थित पवन ऊर्जा मौसम मस्तूल पर स्वंय चढ़ते हुए प्रतिभागी
कायथर स्थित पवन ऊर्जा मौसम मस्तूल पर स्वंय चढ़ते हुए प्रतिभागी

अध्ययन यात्रा की इस अवधि में प्रतिभागियों को केप कोमेरिन (भारत के दक्षिणी भाग के छोर पर) कन्याकुमारी में आवास का अवसर मिला जहाँ उन्होंने सूर्योदय एवं सूर्यास्त और भारत की आध्यात्मिक विरासत को प्रदर्शित करने वाली सांस्कृति का अनुभव प्राप्त किया जो सभी के लिए रोमांचक क्षण थे।

सभी प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण अनुभव देने के लिए ममंदुर स्थित मैसर्स गमेशा पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माणकर्ता कम्पनी में ले जाया गया जहाँ सभी प्रतिभागियों ने वृहद पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माण कारखाने में पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माण सुविधाओं विभिन्न विषयों पर चर्चा की और ज्ञानवर्द्धक अनुभव प्राप्त किया। प्रतिभागियों के द्वारा अफ्रीका महाद्वीप में पवन ऊर्जा टरबाइन ऊर्जा प्रोफाइल और पवन ऊर्जा टरबाइन की पहल पर औद्योगिक हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया गया।

मैसर्स गमेशा विंड टरबाइन कारखाने में प्रतिभागीगण
मैसर्स गमेशा विंड टरबाइन कारखाने में प्रतिभागीगण

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका प्रभाग के उप सचिव श्री आलोक रंजन झा उपर्युक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे। अफ्रीकी महाद्वीप के विकासशील देशों को अधिक लाभ प्रदान करने वाले इस प्रकार के एक अभिनव कार्यक्रम के संचालन के लिए मुख्य अतिथि ने राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान की पूर्ण टीम को बधाई दी। उन्होंने प्रतिभागियों और संबंधित देशों में अपने देशों को हरित ऊर्जा के लाभ बढ़ाने के अवसरों का उपयोग करने के लिए सम्मानित किया। उन्होंने अफ्रीका - भारत मंच शिखर-II कार्यक्रम के लाभ की ओर भी इंगित किया और प्रतिभागियों को प्राशिक्षण पाठ्यक्रम प्रमाण पत्र प्रदान किए।

समापन समारोह में भाषण देते हुए श्री आलोक रंजन झा
प्रतिभागी को प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए श्री आलोक रंजन झा

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के महानिदेशक डॉ एस गोमातिनायगम ने समापन समारोह में अपने भाषण में प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वे विश्व बाजार में तेल बैरल की कीमत कम करने हेतु हरित ऊर्जा के राजदूत के रूप में कार्य करें क्योंकि इससे जलवायु परिवर्तन की आपदा में गति आएगी। उन्होंने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति लाने और उपर्युक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए समन्वयक टीम और राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के सदस्यों को प्रोत्साहित करते हुए बधाई दी।

प्रशिक्षण प्रतिभागियों के द्वारा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कार्यक्रम के पाठ्यक्रम संरचना और संगठन की अत्यधिक सराहना की गई। प्रतिभागियों ने अपनी संतुष्टि व्यक्त की कि उपर्युक्त पाठ्यक्रम ने पवन ऊर्जा टरबाइन प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोगों के साथ-साथ इस क्षेत्र के विषयों का समग्र ज्ञान प्रदान किया है। प्रशिक्षण प्रतिभागियों के द्वारा प्रस्तुत किए गए उनके लिखित विचारों से ज्ञात हुआ कि राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान की टीम के द्वारा प्रतिभागियों के देशों में अधिक संख्या में लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से, पवन ऊर्जा टरबाइन प्रौद्योगिकी पर ज्ञान साझा करने के लिए, भारत के बाहर विदेशों में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए और प्रतिभागियों के लिए यह प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कार्यक्रम अतयंत अनुकूल और लाभप्रद था और उन्हें आशा है कि उनके संबंधित देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर इन नीतियों पर इसका अच्छा प्रभाव होगा।

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