मुख्य पृष्ठ - विभाग - कौशल विकास और प्रशिक्षण - अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण - द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी केंद्र के सूचना, प्रशिक्षण और अनुकूलित सेवाएं एकक के द्वारा "पवन ऊर्जा टरबाइन प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग" विषय पर, भारत सरकार के गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत मंत्रालय के द्वारा प्रायोजित, दिनांक 22 फरवरी से 03 मार्च 2006 की अवधि में, अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को चीन, ईरान, श्रीलंका, क्यूबा, सऊदी अरब, मॉरीशस, यमन, युगांडा, बांग्लादेश और थाईलैंड देशों में पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र के विकास हेतु अभिकल्पित किया गया है।
इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्देश्य पवन ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों के लिए पारस्परिक विचार- विमर्श करते हुए आवश्यक तकनीकी और प्रचालन ज्ञान और विशेष कौशल हस्तांतरण करना और पिछले दो दशकों के अनुभव भी साझा करना है। उपर्युक्त अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के द्वारा पारस्परिक वार्तालाप, विचार-विमर्श और अनुभवों के खुले आदान-प्रदान के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान किया गया है। इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए पाठ्यक्रम सामग्री, व्याख्यान देने और विशिष्ट प्रकरण के अध्ययनों के विषय विशेषज्ञों के सहयोग से निर्मित किए गए हैं।
इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्घाटन भारत सरकार के गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत मंत्रालय के सचिव श्री वी. सुब्रमणियन के द्वारा किया गया। पवन ऊर्जा क्षेत्र के प्रबुद्ध वक्ताओं के द्वारा पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी की मुख्य विधाओं पर व्याख्यान दिए गए।
उपर्युक्त प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कार्यक्रम के अभिन्न भाग के रूप में प्रतिभागियों को कायथर स्थित पवन ऊर्जा टरबाइन परीक्षण स्टेशन और अरलवाइमोळी-पास के समीप विभिन्न पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्रों में जानकारियों का व्यवाहारिक विस्तृत विवरण समझने हेतु प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को विनिर्माण सुविधाओं के अध्ययन भ्रमण हेतु ले जाया गया।
प्रशिक्षण को और अधिक संवादात्मक बनाने के लिए, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को "देश की नीतियों और पवन ऊर्जा परिप्रेक्ष्य" विषय पर एक प्रस्तुति देने का अनुरोध किया गया जो कि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कार्यक्रम में शिक्षित और उनके दृष्टिकोण का एक संक्षेप वर्णन है।
चेन्नई स्थित केंद्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. टी. रामसामी के द्वारा समापन समारोह की अध्यक्षता की गई और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।