मुख्य पृष्ठ - विभाग - कौशल विकास और प्रशिक्षण - अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण - विशेष अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम - विषय : लघु पवन ऊर्जा टरबाइन का डिज़ाइन, संस्थापना और रखरखाव
राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के सूचना, प्रशिक्षण और अनुकूलित सेवाएं एकक के द्वारा दिनांक 25 अक्तूबर से 10 नवम्बर 2017 की अवधि में, लघु पवन ऊर्जा टरबाइन का डिज़ाइन, संस्थापना और रखरखाव विषय पर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (डीपीए–II प्रभाग) द्वारा प्रायोजित आईटीईसी कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को कम लागत पर और स्थानीय उपलब्ध सामग्रियों से लघु पवन ऊर्जा टरबाइन के भागों / घटकों का डिज़ाइन, पवन ऊर्जा टरबाइन का निर्माण, संस्थापना, उपकरणीकरण और पवन ऊर्जा निगरानी स्टेशन की संस्थापना एवं पद्धतियाँ, इनका संचालन और इसके साथ ही विद्युत उत्पादन संबंधी प्रक्रियाओं प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण प्रदान करना है। पाठ्यक्रम में 10 देशों (अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, जॉर्डन, केन्या, म्यांमार, सूरीनाम, युगांडा और जिम्बाब्वे) के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के उप महानिदेशक और प्रशासन एवं वित्त और सूचना, प्रशिक्षण और अनुकूलित सेवाएं एकक प्रमुख श्री डी लक्षमणन के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए श्री डी. लक्षमणन |
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कार्यक्रम के अंतर्गत, प्रशिक्षण के मुख्य व्याख्यान राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के वैज्ञानिक एवं अभियंता और औरोविल स्थित मैसर्स MINVAYU के अभियंता श्री जॉर्ज अयार्ज़ा के द्वारा और उनके अन्य सहयोगी अभियंताओं के द्वारा प्रदान किए गए। 17 दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधी में, प्रतिभागियों ने पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्रों का भ्रमण अध्ययन किया और इसके साथ ही स्वयं लघु पवन ऊर्जा टरबाइन के भागों / घटकों का डिजाइन निर्मित किया ।
प्रतिभागियों को राधापुरम स्थित मैसर्स सुज़लॉन कम्पनी के केंद्रीकृत निगरानी स्टेशन (सीएमएस) में शैक्षिक अध्ययन-भ्रमण हेतु ले जाया गया, जहां उन्हें स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले उद्योग विशेषज्ञों से उनके अनुभव सुनने और विचार-विमर्श करने का अवसर मिला।
कायथर स्थित पवन ऊर्जा टरबाइन अनुसंधान स्टेशन में अध्ययन-भ्रमण के अवसर पर प्रतिभागीगण। |
प्रतिभागियों को कायथर स्थित पवन ऊर्जा टरबाइन परीक्षण स्टेशन / पवन ऊर्जा टरबाइन अनुसंधान स्टेशन में शैक्षिक अध्ययन-भ्रमण हेतु ले जाया गया जहाँ उन्हें तमिलनाडु के दक्षिणी क्षेत्र कन्याकुमारी और वहाँ स्थित पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्रों के अतिरिक्त नारियल के वृक्षों की तरह संस्थापित अधिक संख्या में लघु और वृहद पवन ऊर्जा टरबाइन परीक्षण प्रक्रियाओं को व्यक्तिगत रूप से देखने का सुअवसर मिला।
समापन समारोह में भाषण देते हुए डॉ. के. बलरामन और पाठ्यक्रम प्रमाणपत्र प्रदान करते हुए श्री जॉर्ज आयार्ज़ा |
प्रतिभागियों के द्वारा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की संरचना और संगठन की अत्यधिक सराहना की गई। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान चेन्नई के द्वारा प्रदान किए गए आतिथ्य और व्याख्यानों की गुणवत्ता से प्रतिभागी बहुत संतुष्ट हुए।