तृतीय अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम - विषय लघु पवन ऊर्जा टरबाइन का अभिकल्प, संस्थापना और रखरखाव

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लघु पवन ऊर्जा टरबाइन का अभिकल्प, संस्थापना और रखरखाव
आईटीईसी सहयोगी देशों के लिए विशेष प्रशिक्षण
कार्यक्रम आयोजन की अवधि : 28 अगस्त से 24 सितम्बर 2019

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के कौशल विकास और प्रशिक्षण प्रभाग के द्वारा “लघु पवन ऊर्जा टरबाइन का अभिकल्प, संस्थापना एवं रखरखाव ” विषय पर भारत सरकार, नई दिल्ली के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा समर्थित और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के द्वारा प्रायोजित तृतीय विशेष अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया गया। इस विशेष अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का उद्देश्य इस तरह से तैयार किया गया था कि प्रतिभागी स्वयं स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों और उचित आर्थिक लागत से लघु पवन ऊर्जा टरबाइन के मॉडल के भागों एवं घटकों को अभिकल्पित करेंगे, जैसे कि लघु पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माण के लिए, पवन ऊर्जा टरबाइन की संरचना, संस्थापित करने, प्रचालन एवं रखरखाव पद्धति और विद्युत उत्पादन प्रक्रिया का प्रशिक्षण प्रदान करना मुख्य हैं। पवन ऊर्जा विद्युत की विभिन्न विधाओं, पवन ऊर्जा संसाधन निर्धारण, पवन ऊर्जा टरबाइन संस्थापना, वित्तीय विश्लेषण और सीडीएम लाभ, पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र संस्थापना, प्रचालन और रखरखाव आदि विषय मुख्य रूप से संबोधित किए गए। इस विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के आईटीईसी / एससीएएपी कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के अंतर्गत आईटीईसी देशों के लिए भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के समर्थन से आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पाठ्यक्रम में 9 देशों ( भूटान, इथियोपिया, गुयाना, होंडुरास, मोरक्को, श्रीलंका, सूडान, तंजानिया और जिम्बाब्वे ) के 26 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ के. बलरामन

प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ के. बलरामन

इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए पाठ्यक्रम सामग्री, व्याख्यान और विशिष्ट प्रकरण के अध्ययनों के विषय, विशेषज्ञों के सहयोग से निर्मित किए गए। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में व्याख्यान, पवन ऊर्जा विधाओं के राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान में कई वर्षों के अनुभवी वैज्ञानिक, अभियंताओं, पवन ऊर्जा टरबाइन उद्योग और अकादमिक संस्थान के प्रबुद्ध विद्वानों के द्वारा प्रदान किए गए कार्यक्रम को नियंत्रित किया। 28 दिनों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधि में 16 कक्षा सत्र के व्याख्यान, व्यावहारिक प्रशिक्षण, पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र और पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माण कारखाने में अध्ययन भ्रमण आयोजित किया गया।

उपर्युक्त 28 दिनों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का प्रमुख भाग ऑरोविले स्थित मैसर्स मिनवायु कम्पनी के अभियंता एवं संस्थापक श्री जॉर्ज आयुर्जा के द्वारा राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के वैज्ञानिक एवं अभियंताओं के सहयोग से संचालित किया गया। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधि में प्रतिभागियों को अध्ययन भ्रमण हेतु पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्रों के अतिरिक्त लघु पवन ऊर्जा टरबाइन के हिस्सों एवं घटकों को स्वंय अभिकल्पित किया गया ।

व्यक्तिगत व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए प्रतिभागीगण
अन्य सत्र में व्यक्तिगत व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए प्रतिभागीगण
व्यक्तिगत व्यवहारिक प्रशिक्षण में स्वंय निर्मित लघु पवन ऊर्जा टरबाइन के साथ प्रतिभागीगण

प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कार्यक्रम में प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण अनुभव देने के लिए राधापुरम स्थित मैसर्स सुजलॉन कम्पनी के केंद्रीकृत पवन ऊर्जा टरबाइन निगरानी स्टेशन (सीएमएस) में अध्ययन भ्रमण हेतु ले जाया गया, जहां उन्हें उद्योग के विशेषज्ञों से सुनने का अवसर प्राप्त हुआ।

राधापुरम स्थित मैसर्स सुज़लॉन प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में प्रतिभागीगण

तदपश्चात, तमिलनाडु के दक्षिणी छोर में कायथर स्थित पवन ऊर्जा टरबाइन अनुसंधान स्टेशन में अध्ययन भ्रमण हेतु ले जाया गया जहाँ सभी प्रतिभागियों को लघु पवन ऊर्जा टरबाइन और वृहद पवन ऊर्जा टरबाइन परीक्षण प्रक्रियाओं को व्यवाहरिक रूप से समझने का सुअवसर मिला और निर्माण कारखाने में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के पवन ऊर्जा टरबाइन मॉडल और निर्माण सुविधाओं को प्रत्यक्ष रूप से अवलोकन करने का अवसर मिला एवं उन्होंने संबंधित विषयों पर चर्चा की और ज्ञानवर्द्धक अनुभव प्राप्त किया।

अराल्विमोळी स्थित मैसर्स आरएस विंडटेक इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड में प्रतिभागीगण
मैसर्स अपोलो ट्रांसफॉर्मर और फिल्टर प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में प्रतिभागीगण
कायथर स्थित पवन ऊर्जा टरबाइन अनुसंधान स्टेशन में प्रतिभागीगण

अध्ययन भ्रमण की अवधि में प्रतिभागीगण के द्वारा कन्याकुमारी में भारत के दक्षिणी छोर का अनुभव प्रतिभागियों के लिए रोमांचक रहा जहाँ पर उन्होंने सूर्योदय और सूर्यास्त और भारत की आध्यात्मिक विरासत को दर्शाने वाली सांस्कृतिक धरोहरों का भी का अवलोकन किया।

कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद मेमोरियल रॉक के समक्ष प्रतिभागीगण

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के महानिदेशक डॉ. के बलरामन के द्वारा समापन समारोह के अवसर पर भाषण दिया गया और उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम प्रमाण पत्र प्रदान किए।

समापन समारोह के अवसर पर पाठ्यक्रम प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए डॉ के बलराम

प्रतिभागियों के द्वारा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की संरचना और संगठन की अत्यधिक सराहना की गई। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान चेन्नई के द्वारा प्रदान किए गए आतिथ्य और व्याख्यानों की गुणवत्ता से प्रतिभागी बहुत संतुष्ट हुए।

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