संस्थान ITCS प्रकोष्ठ ने 27 नवंबर से 29 नवंबर 2013 की अवधि में पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी पर 15वां राष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का सफल आयोजन किया। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में देश के 13 राज्यों से पवन टरबाइन उत्पादकों, निवकशकों, परामर्शदाता एवं शिक्षा क्षेत्र जैसे विभिन्न परिप्रेक्ष्यों से 33 प्रतिभागियों ने भाग लिया। केन्द्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान (सीएलआरआई), चेन्नई के परियोजना प्रबंधन समूह – PME के अध्यक्ष, डॉ. ए. अमुदेश्वरी ने इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में निन्मंकित विषवस्तुओं पर भाषण प्रस्तुत किए गए :
पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी का परिचय एवं स्थिति
पवन टरबाइन घटक
पवन टरबाइनों के अभिकल्पना पहलू
पवन टरबाइन वायुगतिकी के मूलभत तत्व
पवन इलेक्ट्रिक जनरेटर एवं उनके प्रकार
पवन टरबाइन टावर संकल्पनाएं
पवन टरबाइन के नींव की संकल्पनाएं
पवन टरबाइन का प्रकार प्रमाणीकरण
पवन टरबाइन परीक्षण
पवन संसाधन मूल्यांकन एवं तकनीक
पवन खेतों की अभिकल्पना एवं लेआऊट
पवन खेतों का विकास एवं उनकी व्यावहारिकता अध्ययन
पूर्व-निवेश अध्ययन एवं तकनीक
पवन टरबाइनों का संस्थापन एवं प्रचालन
संस्थापन पश्चात् क्रियाकलाप – ग्रिड समेकीकरण
पवन टरबाइन व्यवस्था का नियंत्रण एवं सुरक्षा व्यवस्था
पवन ऊर्जा विकास में सीवेट की भूमिका
पवन खेतों के पवर गुणवत्ता लक्षणों का मूल्यांकन
नवीकरणीय समेकीकरण हेतु पवर व्यवस्थाओं के अध्ययन
पवन खेतों के O & M पहलू
पवन एवं ऊर्जा उत्पादन का पूर्वानुमान
छोटे पवन टरबाइन एवं हाइब्रिड व्यवस्थाएं
NAPCC, RPO, REC & CDM को समझना
भारत सरकार की नीतियां एवं योजनाएं
डॉ. पी. चेल्लपाण्डी, समूह निदेशक – अभिक्रिया अभिकल्पना, इंदिरा गांधी परमाण्विक अनुसंधान केन्द्र (IGCAR), कल्पाक्कम समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे तथा समापन समारोह के पश्चात् प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम प्रमाण-पत्र वितरित किए।