मुख्य पृष्ठ - विभाग - कौशल विकास एवं प्रशिक्षण, अवरसंरचना प्रबंधन - राष्ट्रीय प्रशिक्षण- "छोटे पवन टरबाइन की अभिकल्पना, संस्थापन एवं रखरखाव " पर आयोजित
नीवे ने 27 फरवरी – 8 मार्च 2017 की अवधि में छोटे पवन टरबाइन के सभी पहलुओं पर प्रकाश डालने के लिए ‘’छोटे पवन टरबाइन की अभिकल्पना, संस्थापन एवं रखरखाव ’’ पर क्षमता निर्माण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया है। देश के 10 राज्यों के वैविध्यपूर्ण पृष्ठभूमि से 25 प्रतिभागियों (23 पुरुष एवं 2 महिलाएं) ने भाग लिया। नीवे के महानिदेशक एवं OW&IB प्रभाग के प्रमुख, डॉ. राजेश कत्याल ने उक्त प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ. राजेश कत्याल ने |
प्रतिभागियों में छोटे पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी के सभी पहलुओं में क्षमता निर्माण करना तथा एक छोटे पवन टरबाइन की अभिकल्पना की विधि समझाना ही इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। जानाकरी हस्तांतरण के अतिरिक्त प्रतिभागियों को छोटे पवन टरबाइनों के O&M एवं संस्थापन एवं प्रचालन में विशिष्ट कौशल हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
व्यावहारिक कक्षाओं के दौरान प्रतिभागी |
नीवे के वैज्ञानिक / अभियंता तथा छोटे पवन टरबाइन उत्पादक, विशेषज्ञ एवं अभियंता उक्त पाठ्यक्रम के ज्ञान स्रोत थे जिन्होंने पवन टरबाइन प्रौद्योगिकी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पाण्डिचेरी के निकट स्थित मिनवायु ऑरोविल, तमिलनाडु के संस्थापक श्री ज़ोर्ग अयार्ज़ और उनके दल ने छोटे पवन टरबाइन की अभिकल्पना, निर्माण एवं रखरखाव के पहलुओं पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया जो काफी लम्बे समय से ग्रामीण मेकेनिकों के लिए स्थानीय सामग्रियों से निम्न लागत पवन टरबाइनों की अभिकल्पना, निर्माण, आपूर्ति करने तथा उनके निर्माण, संस्थापन एवं रखरखाव पर प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य कर रहे थे।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान निम्नांकित विषयों पर चर्चा की गई :
कक्षाओं में प्रस्तुत किए गए सैद्धांतिक सत्र के अतिरिक्त उपर्युक्त विषयों पर प्रयोगशाला व्यावहारिक सत्र आयोजित किए गए तथा उक्त कार्यों में सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षणार्थियों को व्यावहारिक पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नीवे परिसरों में उपलब्ध नवीकरणीय ऊर्जा सुविधाओं को भी प्रदर्शित किया गया जिसमें उन्हें पवन स्रोत मूल्यांकन सेट-अप एवं हाइब्रिड व्यवस्था (पवन-सौर-डीज़ल) आदि के काम करने की पद्धति समझने का मौका प्रदान किया।
नीवे के महानिदेशक एवं OW&IB प्रभाग के प्रमुख, डॉ. राजेश कत्याल ने समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे तथा उन्होंने समापन भाषण प्रस्तुत करने के पश्चात् सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए।
प्रमाण-पत्र वितरित करते हुए डॉ. राजेश कत्याल |
प्रतिभागियों में क्षमता निर्माण करने की दिशा में उक्त प्रशिक्षण र्काक्रम अत्यंत उपयोगी रहा तथा उक्त प्रतिभागी ग्रामीण अभियंता, डिप्लोमा एवं आईटीआई धारक थे जिन्हें छोटे पवन टरबाइन व्यवस्थाओं के संस्थापन संबंधी जानकारी प्राप्त हुई होगी। चूंकि, ग्रामीण प्रतिभागी उक्त प्रशिक्षण के लक्ष्य हैं, व्यवस्था के प्रचालन एवं रखरखाव तथा तुरंत मरम्मत क्रियाकलापों के लिए स्थानीय प्रशिक्षित मेकेनिक तैयार होंगे ताकि लगातार पवर उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
ग्रामीण अभियंता, डिप्लोमा एवं आईटीआई धारकों के लिए अपने ही जगह में गांवों को सेवा प्रदान करते हुए अपना व्यवसाय चलाकर अपने ही टरबाइन की अभिकल्पना करने तथा तैयार करने में स्वावलंबी बनने का एक अच्छा मौका हैद्य