संगठन, कार्य और कर्तव्यों का विवरण

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भारत में पवन से ऊर्जा उत्पादन एक नवीकरणीय ऊर्जा के रूप में सशक्त माध्यम है और यह ग्रिड विद्युत उत्पादन को पूरक बना सकता है। देश में पवन ऊर्जा के उपयोग को त्वरा गति से विकसित करने में सहायता प्रदान करने हेतु, भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के द्वारा चेन्नई में राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान की स्थापना, एक स्वायत्त संस्था के रूप में की गई। तमिलनाडु के तुतूकुड़ी जिले के कायथर में, संस्थान के अभिन्न अंग के रूप में डेनमार्क सरकार, डेनिडा, के द्वारा तकनीकी और आंशिक वित्तीय सहायता से, एक पवन ऊर्जा टरबाइन स्टेशन संस्थापित किया गया। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान देश में पवन ऊर्जा के विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्ट तकनीकी केंद्र बिंदु के रूप में कार्य करता है।

मिशन

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान एक उच्च गुणवत्ता और समर्पण युक्त ज्ञान आधारित संस्थान है जो कि पवन ऊर्जा क्षेत्र के संपूर्ण परिदृष्य में सेवाएं प्रदान करता है और प्रमुख हितधारकों के लिए पूर्ण समाधान ढूंढने का प्रयास करता है। यह पवन ऊर्जा टरबाइन उद्योग जगत को गुणवत्ता प्राप्त करने और उसे सशक्त बनाए रखने में इस प्रकार सहायता करेगा कि पवन क्षेत्र में उपलब्ध अधिकतम ऊर्जा का दोहन कर सर्वोच्च गुणवत्ता और विशवसनीयता युक्त उत्पाद प्राप्त किए जा सकें। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान जानकारी और जिज्ञासा को विकसित करने तथा उत्पादों एवं सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पवन ऊर्जा उद्योग जगत को पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराएगा।

उद्देश्य
  • भारत में पवन ऊर्जा विद्युत के विकास, पवन ऊर्जा के उपयोग की गति को बढ़ावा देने तथा इसमें गति लाने और देश में विकासाशील पवन ऊर्जा विद्युत क्षेत्र को सहायता प्रदान करने के लिए तकनीकी केंद्र बिंदु के रूप में कार्य करना।
  • पवन ऊर्जा विद्युत प्रणालियों में विश्वसनीय और लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्राप्त करने और इसे बनाए रखने के लिए सुविधाओं एवं क्षमताओं को विकसित और सुदृढ़ बनाना, कार्यनीतियाँ तैयार करना, अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों का संवर्द्धन, संचालन, समन्वय और सहायता प्रदान करना।
  • संसाधनों से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर पवन ऊर्जा संसाधनों का विश्लेषण और ऑकलन करना तथा पवन ऊर्जा घनत्व मानचित्र/ पवन ऊर्जा एटलस / संदर्भ पवन ऊर्जा आंकड़े तैयार करना।
  • पवन ऊर्जा प्रणालियों के परीक्षण और प्रमाणीकरण, उप-प्रणालियों और घटकों के लिए भारतीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुशंसित प्रथाओं और मानकों के अनुरूप इसे अद्यतन करने के आधार पर प्रतिक्रिया, दिशानिर्देशों, प्रक्रियाओं, अभिकल्प के लिए प्रोटोकॉल सहित मानक तैयार करना और उन्हें कार्यान्वयन एवं स्थापित करवाना।
  • विश्व स्तर की सुविधाओं की स्थापना करना, संपूर्ण पवन ऊर्जा विद्युत प्रणालियों एवं घटकों का परीक्षण अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकार्य परीक्षण प्रक्रियाओं एवं मानदंडों के अनुसार संचालित और समन्वित करना, समग्र कार्यनिष्पादन, जिसमें विद्युत निष्पादन, विद्युत गुणवत्ता, ध्वनि स्तर, गतिकी, प्रचालन और सुरक्षा प्रणालियाँ शामिल हैं, जिनका परीक्षण सहमत नयाचारों के अनुसार किया जाता है; इन्हें कार्यान्वयन एवं स्थापित करवाना।
  • पवन ऊर्जा टरबाइनों–प्रकार अनुमोदन / प्रमाणन प्रदान करने के लिए मानकों, दिशानिर्देशों और अभिकल्पों, प्रचालन और रखरखाव के लिए अन्य नियमों के साथ-साथ विद्युत निष्पादन, ध्वनि, जीवन प्रत्याशा और विश्वसनीयता जैसे गुणवत्ता के विषयों के पर्याप्त प्रलेखन के अनुसार सुरक्षा संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप, अनुमोदन/ प्ररूप प्रमाणन प्रदान करवाना।
  • पवन ऊर्जा विद्युत प्रणालियों, उप-प्रणालियों और घटकों के क्षेत्र के निष्पादन की निगरानी करने के लिए, उपर्युक्त उद्देश्य और प्रमाणीकरण के विषय की पूर्ति के लिए प्रभावी रूप से इस प्रतिपुष्टि का उपयोग करना, निरंतर आँकड़ा बैंक अद्यनित / स्थापित करना और, प्रमुख एवं महत्वपूर्ण के प्रसार हेतु सूचना केंद्र के रूप में कार्य करना।
  • पवन ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों के लिए मानव संसाधन विकास कार्यक्रम आयोजित करना।
  • वाणिज्यिक क्षेत्र में ज्ञान / जानकारियों को प्रोत्साहन देना , ग्राहकों को आवश्यकता के अनुरूप एवं परिणाम आधारित विभिन्न परामर्श सेवाएं प्रदान करना।
  • स्टैंड-अलोन प्रणालियों सहित किसी भी अन्य पवन ऊर्जा प्रणालियों के विकास और वाणिज्यीकरण को प्रोत्साहन / बढ़ावा देना।
प्रबंधन संरचना

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान को दिशा निर्देश, परामर्श प्रदान करने और सर्वोच्च नीति निर्धारण हेतु प्रबंध परिषद (जीसी) निकाय है जिसमें भारत सरकार के द्वारा नियुक्त 12 सदस्य हैं। प्रबंध परिषद की सहायता प्रबंधन समिति, वित्त समिति, और अनुसंधान एवं विकास परिषद द्वारा की जाती है।

भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव, उपर्युक्त सोसाइटी के पदेन अध्यक्ष हैं और प्रबंध परिषद के पदेन अध्यक्ष भी हैं।

भारत सरकार द्वारा अनुमोदित सोसाइटी के ज्ञापन और नियमों और विनियमों के अनुसार सोसाइटी के विषयों को प्रबंधित और प्रशासित किया जाता है।

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के महानिदेशक इसके कार्यपालक प्रमुख हैं और सभी एकक प्रमुख उन्हें उपयुक्त सहायता प्रदान करते हैं।

संगठन चार्ट:

संगठनात्मक संरचना और प्रदान की जाने वाली सेवाएं

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान में परस्पर संवादात्मक युक्त एकक हैं जो पवन ऊर्जा क्षेत्र में अपने ग्राहकों और उपयोगकर्ताओं के लिए एकीकृत समाधान प्रदान करते हैं। ये एकक सूचीबद्ध किए गए हैं:

पवन ऊर्जा संसाधन निर्धारण और अपतटीय पवन ऊर्जा
  • पवन ऊर्जा निगरानी और पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र विकास हेतु क्षेत्र-स्थिति निर्धारण
  • मापन अभियान प्रबंधन, मौसम और मौसम संबंधी मस्तूल, LIDAR और SODAR स्टेशनों की निगरानी आदि में ग्राहक सेवाएं ।
  • आँकड़ा संग्रहण , प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण और पवन ऊर्जा संसाधन रिपोर्टिंग
  • परिष्कृत सॉफ्टवेयर उपकरण और तकनीक के साथ आँकड़ा विश्लेषण
  • दीर्घकालिक आँकड़ा रुझान विश्लेषण (एनसीईपी / एनसीएआर / एमईईआरए / सीएफएसआर)
  • पवन ऊर्जा टरबाइन सरणी लेआउट डिज़ाइन, अनुकूलन और आर्थिक लाभगत पी 50, पी 75, और पी 90 उत्पाद पूर्वानुमान (सकल / शुद्ध पूर्वानुमान, अनिश्चितता विश्लेषण आदि)
  • वर्तमान पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र प्रचालन - विश्लेषण
  • अंतर्राष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करने में तकनीकी सतर्कता।
  • विद्युत वक्र कार्य-निष्पादन परीक्षण सुविधा
  • पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र विकासकर्ता के लिए निविदा प्रलेख और निविदा मूल्यांकन तैयार करवाना।
  • पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र विकासकर्ता के लिए आधुनिक सॉफ्टवेयर उपकरण के माध्यम से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) निर्माण।
पवन ऊर्जा टरबाइन परीक्षण

निम्नवत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत प्रक्रियाओं और शर्तों के अनुसार कार्य करना :

  • विद्युत कार्यनिष्पादन मापन
  • भार मापन
  • विद्युत गुणवत्ता मापन
  • सुरक्षा और कार्य परीक्षण
  • यो दक्षता परीक्षण
  • उपयोगकर्ता परिभाषित मापन
  • सेवाएं - पवन ऊर्जा टरबाइन के प्रकार या आकार हेतु सीमित नहीं हैं

सेवाएं – आईएसओ 9001 : 2008 और आवश्यकताओं के अनुसार प्रमाणित की जाती हैं; और आईएसओ / आईईसी 17025 : 2005 की आवश्यकताओं के अनुसार मान्यता प्राप्त हैं।

मानक और प्रमाणन
  • पवन ऊर्जा टरबाइन पर भारतीय मानक तैयार करना।
  • पवन ऊर्जा टरबाइन-प्रकार स्वीकृति अनंतिम योजना - टीएपीएस -2000 (संशोधित) के अनुसार पवन ऊर्जा टरबाइन-प्रकार अनुमोदन / प्रकार प्रमाणन प्रदान करना।
  • प्रोटोटाइप पवन ऊर्जा टरबाइन की संस्थापना हेतु ग्रिड तुल्यांकंन हेतु अनुशंसा ज़ारी करना ।
सौर विकिरण संसाधन आकलन
  • सौर ऊर्जा विकिरण संसाधन निर्धारण
  • जीएचआई, डीएनआई, डीएचआई और मौसम संबंधी मानकों जैसे सौर ऊर्जा परियोजनाओं का विकास , मानकों का मापन
  • सौर ऊर्जा संसाधनों पर निवेशक और आर्थिक लाभगत आँकड़े
  • बीएसआरएन प्रोटोकॉल आधारित आँकड़ा गुणवत्ता जांच
  • सौर ऊर्जा सेंसर का अंशांकन
  • सौर ऊर्जा एटलस का निर्माण
  • मानव संसाधन विकास में परामर्श परियोजनाएं और प्रशिक्षण
अनुसंधान एवं विकास
  • पवन ऊर्जा क्षेत्र में बहु संस्थागत अनुसंधान का समर्थन
  • लघु पवन ऊर्जा टरबाइन / एयरो-जेनरेटर का कार्यनिष्पादन परीक्षण
  • लघु पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माताओं का सूचीबद्ध करना
  • ध्वनिक शोर मापन
  • पवन ऊर्जा – सौर ऊर्जा – डीज़ल वर्णसंकर प्रणाली का अध्ययन

सूचना प्रशिक्षण और अनुकूलित सेवाएं एकक

राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के द्वारा ग्राहकों के लिए निम्नवत प्रशिक्षण राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और अनुकूलित प्रशिक्षण:

  • पवन ऊर्जा टरबाइन / सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी
  • पवन ऊर्जा / सौर ऊर्जा संसाधन मापन और विश्लेषण
  • पवन ऊर्जा संसाधन मॉडलिंग तकनीक
  • पवन ऊर्जा गति सांख्यिकी और सौर विकिरण और ऊर्जा गणना
  • पवन ऊर्जा टरबाइन / सौर ऊर्जा क्षेत्रों के माइक्रो-सिटिंग और लेआउट
  • मानकों के अनुसार अभिकल्प और सुरक्षा की आवश्यकता
  • पवन ऊर्जा टरबाइन परीक्षण
  • प्रचालन और रखरखाव प्रथाएं

सूचना प्रौद्योगिकी

  • सूचान प्रौद्योगिकी सेवाएं।
  • संस्थान को तकनीकी सहायता सेवाएं।

अभियांत्रिकी सेवा प्रभाग

  • सिविल, इलेक्ट्रिकल और संरचना सहित परिसर - रखरखाव।
वित्त और प्रशासन

विभाग के द्वारा पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी और सौर ऊर्जा संसाधनों के वैज्ञानिक एककों के लिए पारस्परिक कार्य प्रबंधन ।

  • अनुदान सहायता, आवंटन और धन का पुन: विनियमन, व्यय प्रबंधन और बजट नियंत्रण, परियोजना वित्तीय प्रबंधन हेतु बजट और संशोधित अनुमान।
  • सेवा कर और आयकर आदि पर वैधानिक अनुपालन, लेखापरीक्षा कार्य, बैलेंस शीट निर्माण, लेखापरीक्षा किए गए खातों की संसद के सदनों में प्रस्तुति।
  • नियमों, योजनाओं और शिकायत निवारण, अनुबंध प्रबंधन, कानूनी विषय, न्यायायिक मामले, सूचना का अधिकार, भर्ती, पदोन्नति और उन्नयन कार्य।
  • ईपीएफ, ग्रैच्युइटी, कॉन्ट्रैक्ट लेबर, सोसाइटी पंजीकरण, स्थापना के बिल, सुविधा प्रबंधन, राजभाषा संबंधित गतिविधियां, वाहन, सुरक्षा और हाउसकीपिंग, रखरखाव आदि पर वैधानिक अनुपालन।
  • भंडार और क्रय अनुभाग, आवश्यकता के अनुरूप प्रतिस्पर्धी दरों पर, वित्त उपलब्धता और पारदर्शी पद्धति से क्रय (स्वदेशी और आयात) और सेवा अनुबंध आदि हेतु, समय समय पर संस्थान की परियोजनाओं के लिए आवश्यक वस्तुओं के क्रय को व्यवस्थित पद्धति से करने हेतु प्रतिबद्ध है।