लघु पवन ऊर्जा टरबाइन और वर्ण संकर

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लघु पवन ऊर्जा टरबाइन और वर्ण संकर प्रणाली

पृष्ठभूमि:

सौर ऊर्जा पैनलों के साथ वर्णसंकर पद्धति से लघु पवन ऊर्जा एरोजनरेटर्स ग्रिड रहित नवीकरणीय ऊर्जा आधारित विद्युत उत्पादन हेतु उपयोगी हैं। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा 90 के दशक के आरंभ से लघु पवन ऊर्जा टरबाइन और पवन ऊर्जा–सौर ऊर्जा वर्णसंकर प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। उपर्युक्त कार्यक्रम के अंतर्गत, पवन ऊर्जा-सौर ऊर्जा वर्ण संकर प्रणाली की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना को बाजार उन्मुख दृष्टिकोण से, उपर्युक्त प्रणालियों के निर्माताओं की अधिक सक्रिय भागीदारी के साथ, वर्ष 2010 में पुनः संशोधित किया गया। नई योजना के अंतर्गत इन प्रणालियों की गुणवत्ता परीक्षण के आवश्यक प्रावधान अनिवार्य किए गए। वित्तीय सहायता प्रतिपूर्ति के आधार (पिछली योजना लागत प्रतिशत आधारित थी) पर किलोवॉट आधारित योजना बनाई गई (अग्रिम हेतु योजना नहीं, पूर्व योजना में यह प्रावधान था)।

उद्देश्य:

लघु पवन ऊर्जा टरबाइन और वर्णसंकर प्रणाली को बढ़ावा देने का उद्देश्य, भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य और जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए, जल-पंपिंग पवन ऊर्जा टरबाइन मशीन और एयरो-जनरेटर / पवन ऊर्जा - सौर ऊर्जा वर्ण संकर प्रणालियों के अनुप्रयोग की परियोजनाओं के कार्यनिष्पादन और इस कार्यक्रम की उपर्युक्त प्रौद्योगिकी को उन्नत और विकसित करना है।

योजना की गतिविधियां

Tकार्यक्रम निम्नवत गतिविधियों का समर्थन करता है:

  • जल पंपिंग पवन ऊर्जा टरबाइन, एयरो जेनरेटर / पवन ऊर्जा - सौर ऊर्जा वर्ण संकर प्रणाली संस्थापित करने हेतु वित्तीय सहायता।
  • पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र परीक्षण और कार्यनिष्पादन मूल्यांकन,
  • प्रदर्शन / कार्यनिष्पादन
  • अनुसंधान एवं विकास।
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य और जम्मू-कश्मीर राज्य के क्षेत्रों में प्रदर्शन / कार्यनिष्पादन परियोजनाएं:

भारत के, सिक्किम सहित जम्मू-कश्मीर राज्य और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए, विशेष क्षेत्रों में लघु पवन ऊर्जा टरबाइन की 25 परियोजनाएं आरम्भ की जाएंगी; जिसमें लेह और लद्दाख सहित प्रदर्शन/ कार्यनिष्पादन के आधार पर 10 किलोवॉट की सीमा रखी गई है। इस श्रेणी के अंतर्गत वित्तीय सहायता 2.25 लाख रुपए की दर से प्रति किलोवॉट, यदि आवश्यक हो तो, प्रदान किया जा सकती है। इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने हेतु उपयुक्त सलाहकार इस कार्य के लिए लगाए जाएंगे।

अनुसंधान एवं विकास:

लघु पवन ऊर्जा टरबाइन और वर्ण संकर प्रणाली को महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है; जो कि इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य घटकों में संभावित सुधार करते हुए, पवन ऊर्जा- सौर ऊर्जा वर्ण संकर प्रणाली, विशेष रूप से खतरनाक जोखिम वाली परिस्थितियों और इन्हें अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए हैं।

स्थापना के पश्चात भौतिक उपलब्धियां:
क्रम संख्या राज्य संस्थापित क्षमता ( किलोवॉट)
1आंध्र प्रदेश16.0
2अरुणाचल प्रदेश6.8
3असम6.0
4गोवा193.8
5गुजरात20.0
6हरियाणा10.0
7जम्मू-कश्मीर46.4
8कर्नाटक39.2
9केरल8.0
10मध्य प्रदेश24.0
11महाराष्ट्र1468.6
12मणिपुर140.0
13मेघालय191.5
14पांडिचेरी5.0
15पंजाब50.0
16राजस्थान14.0
17सिक्किम15.5
18तमिलनाडु24.5
19त्रिपुरा2.0
20पश्चिम बंगाल74.0
21उत्तराखंड24.0
कुल 2379.20

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा लघु पवन ऊर्जा टरबाइन और वर्ण संकर प्रणाली के विषय में, लघु पवन ऊर्जा टरबाइन और वर्ण संकर प्रणाली के निर्माताओं के लिए एक नई पैनल सूची तैयार करने की प्रक्रिया आरम्भ की गई है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार एयरो-जेनरेटर का प्रकार परीक्षण, राष्ट्रीय ऊर्जा संस्थान या अन्य ऐसे संस्थानों द्वारा आईईसी 61400-2 और आईईसी 61400-12-1 के अनुसार अनिवार्य किया गया है।

योजना:
विषय ज़ारी करने की दिनांक
Additions/Modifications to the Administrative Sanction order no. 23/1/2012-SWES dated 23.09.2013 for continuation of Small Wind Energy and Hybrid Systems (SWES) scheme" 15-01-2016
Proforma/Application for the submission of project proposals for Small Wind Energy and Hybrid Systems (SWES) programme 14-07-2014
Sanction for Continuation of scheme for programme on Small Wind Energy and Hybrid Systems (SWES) during 12th Plan period 04-09-2013