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राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पवन ऊर्जा क्षेत्र में योग्य मानव शक्ति की बढ़ती आवश्यकतओं को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों में पवन ऊर्जा क्षेत्र की विधाओं में स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम का शुभारंभ करने की आवश्यकता है। उपर्युक्त प्रक्रिया से पवन ऊर्जा उद्योग / विश्वविद्यालयों / शोध संस्थानों के लिए योग्य मानवशक्ति प्राप्त करने में सुगमता होगी और सहायता मिल सकती है। राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के अनुसंधान और विकास परिषद के निदेशानुसार, कोलकाता स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय के ऊर्जा अध्ययन विद्यालय के निदेशक प्रोफेसर सुजय बसु की अध्यक्षता में, उपयुक्त पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए एक पाठ्यक्रम समिति का गठन किया गया; इस समिति की सिफारिशों को विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों में कार्यान्वयन हेतु प्रेषित किया गया। तदनुसार उपर्युक्त गठित समिति के द्वारा समय-समय पर 3 बैठकें आयोजित की गईं और पवन ऊर्जा क्षेत्र की विधाओं में 2 वर्ष के लिए स्नातकोत्तर स्तर के, पवन ऊर्जा विषय को, मुख्य विषय के रूप में या ऐच्छिक विषय के रूप में लेने हेतु, पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। इस नवनिर्मित पाठ्यक्रम को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, नई दिल्ली को विचार और अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया; और, इसे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली को भी प्रेषित किया गया। उपर्युक्त के अतिरिक्त, चेन्नई स्थित सत्यभामा स्वायत्त विश्वविद्यालय ने इस पवन ऊर्जा पाठ्यक्रम को उनके स्नात्त्कोत्तर प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम में लागू करने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी है।
पवन ऊर्जा विधा - पाठ्यक्रम के विषयों की तालिका निम्नवत है