भारत में 80 मीटर ऊँचाई पर संस्थापित करने योग्य पवन ऊर्जा विद्युत क्षमता का आकलन

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भारत में पवन ऊर्जा की संस्थापित करने योग्य क्षमता का आकलन करने के लिए 50 मीटर ऊँचाई के KAMM उत्पन्न मेसो स्केल पवन ऊर्जा विद्युत घनत्व मानचित्र को वास्तविक मापन के साथ उत्पन्न पवन ऊर्जा घनत्व मानचित्र के साथ एकीकृत किया गया, (जहां भी आँकड़े उपलब्ध हैं) और जीआईएस उपकरण का उपयोग करते हुए, इसमें भौगोलिक क्षेत्र की विशेषताओं को अधिक महत्व दिया गया, तदपश्चात प्रत्येक पवन ऊर्जा घनत्व श्रेणी के कुल क्षेत्रों की गणना की गई और पवन ऊर्जा विद्युत घनत्व मानचित्र का निर्माण किया गया। विभिन्न कारणों से (आवास, वन, जल निकायों आदि) के कारण, द्वीपसमूहों द्वारा लिए गए पूरे भूमि क्षेत्रों को पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र के लिए संस्थापित करने योग्य उपलब्ध भूमि होने की आशा नहीं की जा सकती है। चूंकि भूमि उपलब्धता मूल्यांकन परियोजना का अंश नहीं था, अतः पवन ऊर्जा टरबाइन क्षेत्र विकास के लिए वास्तविक भूमि उपलब्धता का आकलन करने योग्य क्षमता का अनुमान लगाने के लिए मूल्यांकन नहीं किया गया। प्रायः यह एक सामान्य अवधारणा है कि , हिमालयी राज्यों, पूर्वोत्तर राज्यों और अंडमान निकोबार द्वीप समूह को छोड़कर सभी राज्यों में एक समान 2 प्रतिशत भूमि उपलब्धता का अंश पवन ऊर्जा अनुमान के लिए माना जाता है। हिमालयी राज्यों में, पूर्वोत्तर राज्यों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इसे 0.5 प्रतिशत माना जाता है। हालांकि प्रत्येक राज्य के पवन ऊर्जा क्षेत्र में वास्तविक भूमि उपलब्धता के अनुसार संभावित परिवर्तन होना स्वभाविक है। संस्थापित करने योग्य पवन ऊर्जा विद्युत क्षमता (नाम प्लेट विद्युत) की गणना प्रत्येक पवन ऊर्जा विद्युत घनत्व सीमा के लिए की जाती है; यह माना जाता है कि 9 वर्ग मेगावॉट प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र संस्थापित किया जा सकता है। वास्तव में 50 मीटर स्तर पर देश में संभावित रूप से अनुमानित मान्यताओं के साथ क्षमता का अनुमान 49 गीगावॉट है (अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान द्वारा प्रकाशित भारतीय पवन ऊर्जा एटलस देखिए)।

80 मीटर स्तर के लिए, बिना किसी सत्यापन के समान अभ्यास, KAMM उत्पन्न मेसो स्केल मानचित्र किया गया, जिसमें परिणाम की गणना की गई है। निम्नवत तालिका मंं इसे दर्शाया गया है। 80 मीटर स्तर पर अनुमानित संस्थापित करने योग्य क्षमता 102788 मेगावॉट (तालिका 1 में देखिए ) पाया जाता है। 80 मीटर स्तर पर पवन ऊर्जा घनत्व मानचित्र आकृति-1 में दर्शाया गया है।

क्रम संख्या राज्य / संघ शासित प्रदेश अनुमानित क्षमता (मेगावॉट)
@ 50 मीटर ($) @ 80 मीटर (* #$)
1 अंडमान और निकोबार 2 365
2 आंध्र प्रदेश 5394 14497
3 अरुणाचल प्रदेश* 201 236
4 असम* 53 112
5 बिहार - 144
6 छत्तीसगढ़ * 23 314
7 दियु दमन - 4
8 गुजरात 10609 35071
9 हरियाणा - 93
10 हिमाचल प्रदेश * 20 64
11 झारखंड - 91
12 जम्मू और कश्मीर * 5311 5685
13 कर्नाटक 8591 13593
14 केरल 790 837
15 लक्षद्वीप 16 16
16 मध्य प्रदेश 920 2931
17 महाराष्ट्र 5439 5961
18 मणिपुर * 7 56
19 मेघालय * 44 82
20 नागालैंड * 3 16
21 ओडिशा 910 1384
22 पांडिचेरी - 120
23 राजस्थान 5005 5050
24 सिक्किम * 98 98
25 तमिलनाडु 5374 14152
26 उत्तराखंड * 161 534
27 उत्तर प्रदेश * 137 1260
28 पश्चिम बंगाल* 22 22
कुल 49130 102788
तालिका 1. - 80 मीटर स्तर पर संस्थापित करने योग्य पवन ऊर्जा क्षमता का अनुमान

* पवन ऊर्जा क्षमता को वास्तविक मापन के साथ मान्य किया जाना शेष है।

# अनुमान मेसो स्केल मॉडलिंग (भारतीय पवन ऊर्जा एटलस) पर आधारित है।

$ जैसे कि यह वास्तविक भूमि मूल्यांकन सामान्य अवधारणा पर नहीं किया जाता है अतः हिमालयी राज्यों और उत्तर पूर्वी राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों के लिए तथा अंडमान निकोबार द्वीप समूह और कम गति वाले पवन ऊर्जा राज्यों को 2 प्रतिशत भूमि उपलब्धता वाला क्षेत्र राज्य माना गया है। अन्य क्षेत्रों में भूमि की उपलब्धता को 0.5 प्रतिशत माना गया है।

Wind power density map
चित्र 1 : - 80 मीटर ऊँचाइ स्तर पर पवन ऊर्जा घनत्व मानचित्र